"अहंकार यात्रा" शब्द का शब्दकोषीय अर्थ पूरी तरह से किसी के अहंकार को संतुष्ट करने के उद्देश्य से की गई यात्रा है, जिसमें अक्सर दूसरों या किसी के कार्यों के परिणामों की परवाह नहीं होती है। इसका तात्पर्य स्वयं के प्रति आत्म-भोग की व्यस्तता से भी हो सकता है, जो अक्सर आत्म-महत्व या श्रेष्ठता की बढ़ी हुई भावना के साथ होती है। यह शब्द किसी के आत्म-सम्मान या आत्म-छवि को बढ़ावा देने के लिए किए गए व्यवहार या कार्यों का भी वर्णन कर सकता है, अक्सर दूसरों की कीमत पर।